
🪔 माता बगलामुखी की चमत्कारी कथा
जानिए माता बगलामुखी की एक अनसुनी चमत्कारी कथा, जो उनके अद्भुत तेज, रहस्यमय शक्ति और भक्तों पर कृपा की अनूठी मिसाल है।
🌸 प्रस्तावना
हिंदू धर्म में दस महाविद्याओं का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है, और इनमें से एक हैं — माता बगलामुखी। इन्हें स्तम्भन विद्या की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। कहते हैं, इनकी कृपा से शत्रु मौन हो जाते हैं, मुकदमे में विजय मिलती है और वाक्-शक्ति अद्वितीय बनती है। यह कथा उस समय की है जब एक साधक ने अपने जीवन का सबसे बड़ा निर्णय लिया और माता बगलामुखी को साक्षात दर्शन दिए।
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🕉️ कथा की शुरुआत
एक बार की बात है, मध्यप्रदेश के एक छोटे से गाँव में शिवदत्त नाम का एक निर्धन ब्राह्मण रहता था। वह अत्यंत श्रद्धालु, धर्मनिष्ठ और तपस्वी था। उसके जीवन में न सुख था, न धन—पर था तो बस एक ही भरोसा—माँ बगलामुखी पर।
शिवदत्त हर रोज़ पीले वस्त्र पहनकर नर्मदा तट पर बैठता और माता बगलामुखी का जप करता:
🔱 “ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा”
उसका विश्वास इतना प्रबल था कि गाँव के लोग उसे पागल समझते थे। लेकिन वह अडिग था।
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🔥 भयंकर तूफान और माता का प्रकट होना
एक रात गाँव में एक भयंकर तूफान आया। घर, पशु, फसलें—सब उड़ गए। शिवदत्त उस समय भी तट पर बैठा माता का जप कर रहा था। तभी आकाश से एक तेज़ पीली आभा प्रकट हुई, और उसके सामने स्वयं माता बगलामुखी प्रकट हुईं।
उनकी आँखों से प्रकाश की किरणें निकल रही थीं, हाथ में गदा, और कमलासन पर बैठी थीं। माँ ने कहा:
“वत्स! तुम्हारी भक्ति से प्रसन्न होकर मैं स्वयं प्रकट हुई हूँ। जो चाहे वर मांग लो!”
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💫 वरदान और अद्भुत चमत्कार
शिवदत्त ने हाथ जोड़कर कहा:
“माँ! मुझे शक्ति दो कि मैं सत्य के मार्ग पर चल सकूं और समाज के अन्याय का सामना कर सकूं।”
माँ ने कहा:
“तुम्हें वाक् सिद्धि का वर देती हूँ। तुम्हारे शब्द ही शत्रु को स्तम्भित कर देंगे।”
इसके बाद एक चमत्कार हुआ — गाँव में जो लोग शिवदत्त को तिरस्कार करते थे, वे सभी एक-एक कर उससे क्षमा माँगने लगे। जिनके खिलाफ झूठे मुकदमे चल रहे थे, उनमें शिवदत्त की वाणी न्यायाधीश को इस तरह प्रभावित कर गई कि वह निर्दोष साबित हो गया।
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📿 शिवदत्त बना बगलामुखी उपासक
कुछ ही वर्षों में शिवदत्त का नाम दूर-दूर तक फैल गया। लोग उसे गुरु मानने लगे और उससे माँ बगलामुखी की स्तुति व उपासना विधि सीखने लगे।
उसने गाँव में एक बगलामुखी मंदिर बनवाया, जहाँ आज भी लोग पीले फूल चढ़ाकर शत्रु बाधा से मुक्ति की कामना करते हैं।
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🌟 कथा का संदेश
माता बगलामुखी की यह चमत्कारी कथा हमें यह सिखाती है कि —
जब भक्ति सच्ची हो, तो माँ स्वयं चलकर आती हैं।
स्तम्भन शक्ति का प्रयोग हमेशा सत्य और धर्म के लिए करें।
पीले वस्त्र, पीला भोजन और एकनिष्ठ साधना से माँ शीघ्र प्रसन्न होती हैं।
माता बगलामुखी की चमत्कारी कथा
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